The following three poems are from the cycle A Universal Theory of Love by Amadé Esperer who read selected poems of this cycle at the Kritya Poetry Fesitval 2020 organized by Rati Saxena, Kerala, India.
» A Universal Theory of Love «
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स्थिर जीवन
वहाँ हमने एक जोड़ी सन्तरे के आधे हिस्से रखे
चिपचिपे, रस से भरपूर थे, धीरे धीरे उंगलियां
दूसरे के मांस की मुलामियत में धंसने लगी
हम पलक झपकना भी भूलने लगे
चाकू को महसूस भी नहीं कर पाये
जो छीलने की क्रिया को पूरा करने के लिए था
सूरज की दमदमाती रौशनी में
Still Life
There we lay, two pared orange-
halves, still sticky and full of juice the fingers
resting deep in the other‘ s flesh
softly forgetting
for a blink of an eyelash not feeling
the knife, which was ready for us
to finish the peeling, flash in the sunlight
मुझे अचानक वहां मेरा ठिकाना मिला
एक बार मैं खिड़की पर कुछ ज्यादा ही टिका रहा
गर्मियों के दिनों में, असंजस में
गोधूली में डूबते हुए
मैंने अपनी निगाह उदास बादलों की तरफ घुमाई
वहां वे उदास बादलों को प्रज्वलित कर रहे थे
एक बार मैं खिड़की पर अधिक देर तक लेटा रहा
गर्मियों के बाहर अनिर्णीत
गोधूलि में तैरते हुए …
मैंने पहाड़ी के ऊपर से आँखें उठाईं
वहाँ उन्होंने उदास बादलों को प्रज्वलित किया था
एक चमकदार रोशनी बुझने लगी
रोजाना का सलेटी रंग
मैंने जितनी गहराई से देखा, उतनी बेहतर दिखी
आकाश में चढ़ती हुई तुम्हारी तस्वीर
Home I Suddenly Found There
Once I lingered longer at the window
outside: the summer undecided
floating in twilight …
I lifted my eyes up over the hillside
there they ignited the gloomy clouds
a ravishing light overcame
everyday’s dry gray:
The deeper I looked, the better I saw
your graceful image ascending sky high
ओपेरा से भागते
याद है, अंधेरे में मेरे साथ खड़े होना, या फिर भागना?
क्या हम संगीत लहरियों में डूबे थे
या फिर उस नाटक में? तुम जानती होंगी कि
छोटे छोटे दृश्य तुम्हे अनावृत करते है
और मुझे कंकाल बना देते हैं, उन्हें हमेशा ही नग्नता पसन्द है
चाहे अच्छी हो या बुरी, वे हरेक ओपरा में वह सच्चाई खोज लेते हैं
जो वे चाहते हैं, हम भूत प्रेत की कहानी से पहले ही निकल पड़े थे
दर्शक बेहोश हो कर गिर जायेंगे
मुंह से मुंह में आक्सीजन की चाहना में
Questo è il fin di chi fa mal
हम निकल चुके के ही चुम्बन करते हुए
लेकिन हम अपनी धमनियों की सिहरनों को नहीं बता सकते
जो हमारे आपस में बदले दिल की एक कोशिका है
Escaping the Opera
Remember standing with me in the dark, escaping?
Or did we drown in the wild currents of the music
of that show? You know, all
these big-shot’s bigoted looks undressing you
skeletonizing me. Nudes they always like, for good
or worse, they tend to take each opera for real,
they always take for real what they want …We left
before the story’s stony ghost appeared
and some olden onlooker would collapse
in need of mouth-to-mouth resuscitation
Questo è il fin di chi fa mal … This time
we were off duty, only prone to each other’s loving
mouth, and yet, we couldn’t tell the undercurrents
of a single cell involved in our heat exchanging fervor