Poetry
AMADÉ ESPERER (GERMANY)

» A Universal Theory of Love «

English Poems: Amadé Esperer; Hindi Versions: Rati Saxena

The following three poems are from the cycle A Universal Theory of Love by Amadé Esperer who  read selected poems of this cycle at the Kritya Poetry Fesitval  2020 organized by Rati Saxena, Kerala, India.

YouTube

Mit dem Laden des Videos akzeptieren Sie die Datenschutzerklärung von YouTube.
Mehr erfahren

Video laden

http://www.krityapoetryfestival.com

  • स्थिर जीवन

    वहाँ हमने   एक  जोड़ी सन्तरे के आधे हिस्से रखे

    चिपचिपे, रस से भरपूर थे,  धीरे धीरे उंगलियां

     दूसरे के मांस की मुलामियत  में धंसने लगी

    हम पलक झपकना भी भूलने लगे

    चाकू को महसूस भी नहीं कर पाये

    जो छीलने की क्रिया को पूरा करने के लिए था

    सूरज की दमदमाती रौशनी में

Still Life

There we lay, two pared orange-

halves, still sticky and full of juice the fingers

resting deep in the other‘ s flesh

softly forgetting

for a blink of an eyelash not feeling

the knife, which was ready for us

to finish the peeling, flash in the sunlight

मुझे अचानक वहां मेरा ठिकाना मिला

एक बार मैं खिड़की पर कुछ ज्यादा ही टिका रहा

गर्मियों के दिनों में, असंजस में

गोधूली में डूबते हुए

मैंने अपनी निगाह उदास बादलों की तरफ घुमाई

वहां वे उदास बादलों को प्रज्वलित कर रहे थे

एक बार मैं खिड़की पर अधिक देर तक लेटा रहा

गर्मियों के बाहर अनिर्णीत

गोधूलि में तैरते हुए …

मैंने पहाड़ी के ऊपर से आँखें उठाईं

वहाँ उन्होंने उदास बादलों को प्रज्वलित किया था

एक चमकदार रोशनी बुझने लगी

रोजाना का सलेटी रंग

मैंने जितनी गहराई से देखा, उतनी  बेहतर दिखी

आकाश में चढ़ती हुई तुम्हारी तस्वीर

Home I Suddenly Found There

Once I lingered longer at the window

outside: the summer undecided

floating in twilight …

I lifted my eyes up over the hillside

there they ignited the gloomy clouds

a ravishing light overcame

everyday’s dry gray:

The deeper I looked, the better I saw

your graceful image ascending sky high

ओपेरा से भागते

याद है, अंधेरे में मेरे साथ खड़े होना, या फिर भागना?

क्या हम संगीत लहरियों में डूबे थे

या फिर उस नाटक में? तुम जानती होंगी कि

छोटे छोटे दृश्य तुम्हे अनावृत करते है

और मुझे कंकाल बना देते हैं, उन्हें हमेशा ही नग्नता पसन्द है

चाहे अच्छी हो या बुरी, वे हरेक ओपरा में वह सच्चाई खोज लेते हैं

जो वे चाहते हैं, हम भूत प्रेत की कहानी  से पहले ही निकल पड़े थे

 दर्शक बेहोश हो कर गिर जायेंगे

मुंह से मुंह में आक्सीजन की चाहना में

Questo è il fin di chi fa mal

हम निकल चुके के  ही चुम्बन करते हुए

लेकिन हम अपनी धमनियों की सिहरनों को नहीं बता सकते

जो हमारे आपस में बदले दिल की एक कोशिका है

Escaping the Opera

Remember standing with me in the dark, escaping?

Or did we drown in the wild currents of the music

of that show? You know, all

these big-shot’s bigoted looks undressing you

skeletonizing me. Nudes they always like, for good

or worse, they tend to take each opera for real,

they always take for real what they want …We left

before the story’s stony ghost appeared

and some olden onlooker would collapse

in need of mouth-to-mouth resuscitation

Questo è il fin di chi fa mal … This time

we were off duty, only prone to each other’s loving

mouth, and yet, we couldn’t tell the undercurrents

of a single cell involved in our heat exchanging fervor